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बुधवार, 8 अप्रैल 2020

Hydroxychloroquine दवा से निर्यात का प्रतिबंद हटाना कहीं अपने लोगो को नज़रअंदाज़ करना तो नहीं



आज सम्पूर्ण विश्व कोरोना वायरस से ग्रस्त अपने अपने तरीके से लड़ रहा है, झुंझ रहा है और एक दूसरे से मदद की गुहार भी लगा रहा है | अमेरिकी अध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपने मित्र भारत से मदद की गुहार लगायी है लेकिन साथ ही धमकी भी दे डाली | उनका धमकाना उनके मानसिक पतन को दर्शाता है।  ये नाज़ुक वक़्त डराने धमकाने का नहीं बल्के एक दूसरे के साथ मिलकर खड़े रहने का है।

ऐसे में भारत को कड़े शब्दों में डोनल्ड ट्रम्प के बयान की निंदा करनी चाहिए थी। मदद करना एक अच्छा कदम है ये हमारी योगिता और इंसानियत को दर्शाता है।  सरकार के इस निर्णय से विपक्ष को एक मौका मिल गया है और उसने गंभीर आरोप लगते हुए सरकार पर निशाना साधा है।  क्या भारत ने अपने ही नागरिको को नज़र अंदाज़ करते हुए ट्रम्प के दबाओ में ये निर्णय लिया है ? क्या भारत के पास पर्याप्त मात्रा में hydroxychloroquine दवा मौजूद है ? ये कुछ गंभीर सवाल है जिसका स्पष्ट जवाब मिलना जरुरी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है के -भारत के पास HCQ  की पर्याप्त मात्रा है।  लेकिन डॉ टी. सुंदरमण ने इसपर आशंका जताई है। 

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने ट्रम्प को दोस्ती का अर्थ  बताया। भारत hydroxychloroquine का सबसे बड़ा निर्माता है लेकिन 21 दिन के लॉक डाउन के चलते भारतीय बाज़ारो में इस दवा की कमी देखने को मिल रही है।  मौजूदा हालत को देखते हुए  भारत HCQ का कितना उत्पाद कर सकता इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। 

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