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सोमवार, 27 अप्रैल 2020

जाने फ्रेंक्लिन टेम्पलटन के संकट के बारे में। क्या म्यूच्यूअल फण्ड इंडस्ट्री के लिए ये ख़तरे की घंटी है


कोरोना वायरस के चलते जो वित्तीय संकट पैदा हुआ है उससे इंकार नहीं किया जा सकता।  ये संकट कितना बड़ा है की इससे कैसे निपटा जाएगा अभी ये बहस ही चल रही थी के फ्रेंक्लिन टेम्पलटन की ख़बर ने और चिंता बढ़ा दी। बैंकिंग सेक्टर तो पहले से ही संकट से गुज़र रहा था ऐसे में फ्रेंक्लिन टेम्पलटन की ख़बर ने म्यूच्यूअल फण्ड इंडस्ट्री पर भी संकट के बदल खड़े कर दिए।

पूरा मामला क्या है ?

फ्रेंक्लिन टेम्पलटन की  6 डेब्ट फण्ड स्कीम में तरलता का संकट खड़ा हो गया जिसके चलते इन सभी 6 डेब्ट फण्ड को बंद करने का निर्णय लिया गया। सवाल ये उठता है की ये संकट पैदा क्यों हुआ। इन 6 डेब्ट फण्ड का निवेश लौ क्रेडिट रेटिंग कम्पनीज में था जिसके  कारण  वहां  तरलता यानि लिक्विडिटी का संकट पैदा हो गया था और ज्यादा रिडेम्पशन के कारन इन फण्ड के बांड को कम  मुल्ये  पर बेचा गया जिसके चलते फण्ड वैल्यू में काफी गिरावट गयी थी। अगर फ्रेंक्लिन टेम्पलटन का पिछले कुछ वर्षो की डेब्ट फण्ड स्ट्रेटेजी पर नज़र डाले तो इसमें अल्ट्रा शार्ट अवधि, लौ अवधि और शार्ट अवधि के डेब्ट फण्ड में निवेश को बढ़ाया गया था और अच्छे  की उम्मीद से लौ क्रेडिट रेटिंग कम्पनीज में निवेश  किया जा रहा था। इससे जो फ्रेंक्लिन टेम्पलेटों के फण्ड मैनेजर श्री संतोष कामत है उनके ऊपर भी सवाल खड़ा होता है के उन्होंने अपने विवेक  सही इस्तेमाल नहीं किया। ऐसा नहीं है के अल्ट्रा शार्ट अवधि या शार्ट अवधि के फण्ड में निवेश से फ्रेंक्लिन टेम्पलटन ने  अच्छा परफॉर्म  नहीं किया हो। उनकी ये स्कीम अच्छी थी और अन्य कई म्यूच्यूअल फण्ड हाउसेस ने भी यही मॉडल अपनाया। इसलिए अब संकट का समय पुरे म्यूच्यूअल फण्ड इंडस्ट्री पर है।  शायद इसी को देखते  हुए  RBI ने 50000 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा करी है म्यूच्यूअल फंड इंडस्ट्री के लिए।

जिन स्कीम को बंद किया गया है उनके नाम इस प्रकार है :
·         फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन लो ड्यूरेशन फंड,
·         फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन इनकम ऑपरच्यूनिटी फंड,
·         फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन क्रेटिड रिस्क फंड,
·         फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट टर्म इनकम प्लान,
·         फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन शॉर्ट बॉन्ड फंड
·         फ्रैंकलिन इंडिया टेम्पलटन डायनामिक एक्यूरियल फंड   

जिन कम्पनीज में फ्रेंक्लिन टेम्पलटन ने निवेश किया उनके नाम "दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन , एस्सेल ग्रुप, रिलायंस अनिल धीरूभाई अम्बानी ग्रुप, यस बैंक और वोडाफोन-आईडिया आदि है। IL&FS का संकट जो  वर्ष 2018 में आया था  उसी के बाद से लौ क्रडिट रेटिंग कम्पनीज में डेब्ट के निवेश को लेकर म्यूच्यूअल फण्ड कम्पनीज पर दबाओ था जिसका चलते डेब्ट फण्ड की NAV पर प्रभाव लगातार पड़ रहा था






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