भारतीय मीडिया अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। इस मुद्दे पे बहस की जा सकती है। आज हम देखते है की ख़बरों के नाम पर समाज के एक दूसरे वर्ग के प्रति नफरत फैलाई जा रही है, ख़बरों के नाम पर अब हमें क्रोध, आक्रोश, गुस्सा आदि कई चीज़े देखने को मिलती है। भाषा शैली अपनी सारी मर्यादाएं लांग चुकी है। कुल मिला कर अगर भारतीय मीडिया को एक पैमाने में नापे तो ये 2019
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के अनुसार 140 वें स्थान पर पहुंच चूका है, जो की वर्ष 2002
की तुलना में सबसे निचले स्तर पर है।
अभी हाल ही में हुए पालघर हत्या कांड जिसमे 2 सन्यासियों को उनके एक ड्राइवर सहित चोर समझ कर मौत के घाट उतर दिया गया इस मुद्दे पर अर्णब गोस्वामी एक टीवी शो कर रहे थे। इस घटना को शायद वो कोई और रंग देने की कोशिश में थे और उन्होंने लाइव टीवी शो के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिआ गांधी को लेकर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया । बस तभी से एक विवाद खड़ा हो गया और कांग्रेस बनाम अर्नब बहस चालू हो गयी। सोशल मीडिया पर भी लोग बटे हुए नज़र आये और अरेस्ट अर्नब नाम से हैशटैग ट्रेंड करने लगा। अर्णब के ऊपर दर्जनों FIR का सिलसिला शुरू हो गया। इसी बीच अर्णब ने कांग्रेस पे आरोप लगता हुए कहा के उनके द्वारा मेरी पत्नी के ऊपर हमला कराया गया।
पत्रकारों के ऊपर FIR या हमला कोई नयी बात नहीं है। अभी कुछ साल पहले गौरी लंकेश एक उदाहरण है। दरअसल मीडिया ने जो ज़हर समाज में फैला दिया है ये हम सब उसकी ही फसल काट रहे है। नतीजन मॉब लिंचिंग मुसलमानों से शरू हो कर अब सनातन धरम के दामन तक आ पहुंची | लेकिन इसपर विश्लेषण होकर अपनी गलतियों को सुधारने के बजाये इसे भी हिन्दू मुस्लिम और साम्प्रदायिक रंग देने की जो कोशिश मीडिया ने करी ये घोर निन्दनीय है। अर्णब गोस्वामी भी शायद पालघर को सांप्रदायिक रंग दे रहे थे। उन्होंने केवल सोनिआ गांधी का ही अपमान नहीं करा बल्के ईसाई धरम की भावना को भी आहात किया।
भले ही अर्णब गोस्वामी को सर्वोच्च अदालत से 3 हफ्ते ही मोहलत मिल गयी हो लेकिन उनके ख़िलाफ़ मुकदमा जरूर चलना चाहिए अगर वो निर्दोष साबित होते है तो सराहनीये है और अगर दोषी साबित होते है तो उनके ऊपर कठोर कारवाई होनी चाहिए इससे मीडिया के जो पत्रकार बे लग़ाम घोड़े की तरह भागे जा रहे है और समाज में नफरत का माहौल बना रहे है या बना चुके है उनके ऊपर एक अंकुश जरूर लगेगा और फेक न्यूज़ को रोकने की दिशा में भी ये एक अच्छा कदम साबित होगा।
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