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रविवार, 5 मार्च 2017

भीगी हवायें तेरे आँचल से जो आये | मुझे रह रह के ये तड़पायें.


भीगी हवायें तेरे आँचल से जो आये
मुझे रह रह के ये तड़पायें.

बहारों  की अदाओं पे
मौसम ये बहका जाये
तेरी हर अदायें
मुझे दीवाना बनाये
भीगी हवायें------------

भीगी हवायें तेरे आँचल से जो आये
मुझे रह रह के ये तड़पायें.

ख़्याल तेरा मुझे सुलाये
ख़्याब तेरा मुझे जगाये
मेरे हर ख़्याब की तू
ताबीर बन जाएं
भीगी हवायें------------

ज़ुल्फ़ों में तेरे हिना की खुशबू
आँखों में तेरे मेय का प्याला
मुझे इस माये की तलब हो जाये
भीगी हवायें------------

भीगी हवायें तेरे आँचल से जो आये
मुझे रह रह के ये तड़पायें.



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