उन्हें ढूंढने की कोई सूरत कोई ताबीर नहीं मिलती
ये वो एक मूरत है जो मेरी तकदीर मे नहीं मिलती
तेरी परछाई से हम दिल ऐ बेताब को कैसे
बहलायें
बातें जो तुझ में है वो तेरी तस्वीर मैं नहीं मिलती
तेरी जुल्फों को घटा और चश्मों को सगर कहना
ये सब लज़्ज़तें और कैफ़ियतें तेरी तस्वीर मे नहीं मिलती
हमें मंज़ूर नहीं है रिहाई, हमें क़ैद मे रहने दो
कोई जगह और तेरी जुल्फों की ज़ंजीर सी नहीं मिलती
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