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रविवार, 24 फ़रवरी 2019

फैज़ अहमद फैज़ | आज बाजार में प् बाजोला चलो


चश्म नम जान शोरीदा काफी नहीं
तोहमत इश्क़ पोशीदा काफी नहीं
आज बाजार में प् बाजोला चलो
दस्त अफाशां चालो मस्त रकसा चलो
खाक बार सर चलो खू  दामा चलो
राह तकता है सब शहर जाना चलो
हाकिम  शहर भी मजमा आम भी
तीर  इलज़ाम भी संग दुशनाम भी
सुबह नाशाद भी रोज़ नाकाम भी
उन का दम साज़ अपने सिवा कौन है
शहर जाने में अब बसफा कौन है
दस्त कातिल के शया रहा कौन है
रक्त दिल बांध लो दिल फिगारो चलो
फिर हमीं क़तल हो आये यारों चलो

(फैज़ अहमद फैज़)

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