ओ मौला मेरा इश्क है कैसे, मेरा इश्क है कैसा
तू ही बता दे मुझे, मेरा इश्क है कैसा…………
इश्क़ हक़ीक़ी भी है, इश्क़ मजाज़ी भी
इश्क़ जब हद से गुज़र
जाये तो जूनून भी है
इश्क़ वहशत भी , इश्क़ सुकून भी है
इश्क़ जुदाई भी, इश्क़ मिलन भी है
मेरा इश्क है कैसा, मेरा इश्क है कैसा
ओ मौला तू ही बता दे मुझे
मुफ़लिस है हम तेरी
मोहब्बत के
फ़क़त एक चाह है तेरी न
कुछ पास है अपने
ग़ुरबत है, फकीरी है, ये तेरी चाह कैसी है
मजलिस है तो वीरान है
तमन्ना बस तेरी है
मेरा इश्क है कैसा, मेरा इश्क है कैसा
ओ मौला तू ही बता दे मुझे
इश्क़ में खुशिया है
तो रुस्वाई भी
तेरे इश्क़ में क्या
सहर क्या शाम है
दिल को चैन नहीं हर
घडी बस याद तेरी है
तुझे पाने की चाह है, तलब है, तमन्ना बस तेरी है
मेरा इश्क है कैसा, मेरा इश्क है कैसा
ओ मौला तू ही बता दे मुझे