हम दोनों इश्क़ में
जुदा होकर एक दूसरे को भूल जाये
गम ए इश्क़ में भी
खुदा करे ये मुक़ाम न आये.
एक दूसरे से दूर रहे
दूर रहकर देखा करे
आहें भरे न शिकवा करे
आसु बहें न रोया करे
ऐसे आलम में कोई तेरा
ज़िक्र न किया करे
कही ऐसा न हो के दिल
की हालत बिगड़ जाये
हम दोनों इश्क़ में
जुदा होकर एक दूसरे को भूल जाये
गम ए इश्क़ में भी
खुदा करे ये मुक़ाम न आये.
हर कोशिश करके देखी
हर जतन किया हमने
सब तदबीरें उलटी हुई
कुछ पाया न हमने
किससे शिकायत करे
किस्मत का लिखा पाया हमने
ऐसे आलम में दम घुटता
है दम घुटके मर न जाये
हम दोनों इश्क़ में
जुदा होकर एक दूसरे को भूल जाये
गम ए इश्क़ में भी
खुदा करे ये मुक़ाम न आये.
इस ज़िन्दगी की महफ़िल
में तन्हा रह गए हम
दूर निकल गए हो तुम
वही रह गए हम
इस हू हा के आलम पे
दिल तनहा रोता है
तुम्हे खोना ऐसा है
जैसे सारी जागीरें लुट जाये.
हम दोनों इश्क़ में
जुदा होकर एक दूसरे को भूल जाये
गम ए इश्क़ में भी
खुदा करे ये मुक़ाम न आये.
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