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शुक्रवार, 10 जनवरी 2025

उनसे हाल ऐ दिल कहे ना कहे ये सोचते रह जाता हु।

 


हर बार ये ही होता है, हर बार मै रह जाता हु

उनसे हाल दिल कहे ना कहे ये सोचते रह जाता हु।

 

सुबह की पहली किरण ख्याल उनका ले आती है

दिन चढ़े मेरे हौसले को बुलंदी मिल जाती है

और दिन ढ़ले मेरी सोच फ़िक्र बढ़ जाती है

फिर तस्वीर तेरी सीने पे रख कर रातों को सो जाता हु।

 

हर बार ये ही होता है, हर बार मै रह जाता हु

उनसे हाल दिल कहे ना कहे ये सोचते रह जाता हु।

जब कही उनकी दीद रु बा रु हो जाती है

तो कभी ज़ुल्फ़ों के साये में खो जाता हु

तो कभी रुखसार की तपिश से जल जाता हु

और फिर उनकी आँखों में डूब के मर जाता हु।

 

हर बार ये ही होता है, हर बार मै रह जाता हु

उनसे हाल दिल कहे ना कहे ये सोचते रह जाता हु।

 

 

 

 

 

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