Display Responsive

In Feed

बुधवार, 3 जून 2020

चीन से बढ़ता सीमा विवाद | कही हम चायनीज़ एप्प डिलीट करने तक सीमित न रह जाये।


भारत और चीन के बीच सीमा  विवाद इतना बढ़ गया है की भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आधिकारिक रूप से इस बात को स्वीकारा है के LOC पे भारी संख्या में चीनी सैनिक घुस आये है। जवाब में भारत ने भी हर मुमकिन करवायी की है। वही राजनाथ सिंह ने इस बात का भी आश्वासन दिया है के हम भारत का मान गिरने नहीं देंगे। दोनों तरफ से कूटनीतिक प्रयास भी जारी है इस मामले को हल करने के लिए।  जैसा हमें डोकलाम में देखने को मिला था। यही प्रयास कारगार साबित होगा क्युकी मौजूदा हालात में दोनों देश जंग की दिशा में जाना नहीं चाहेंगे। जंगी करवायी दोनों देशो के लिए विनाशकारी ही साबित होगी। और उस विनाश का केवल अंदाज़ा लगाया जा सकता है। उससे उभारना दोनों देशो के लिए लगभग असंभव होगा।

वही दूसरी तरफ शहरियो ने भी जंग छेड़ रखी है और सोशल मीडिया में लोग बड़े सरगरम है। इसी सिलसिले में सोनम वांगचुक के वीडियो को लोगो ने खूब सराहा और जम  कर सोशल मीडिया में शेयर भी किया लोग जम कर चायनीज़ एप्प डिलीट कर रहे  है और दुसरो को ऐसा करने की सलाह भी दे रहे है। लेकिन क्या चायनीज़ एप्प डिलीट करना ही काफी है। शायद नहीं इन एप्प के माध्यम से कई भारतीय नौजवान कमा भी रहें है उदहारण के तौर पर टिक टोक। हमें सोनम वांगचुक और प्रधान मंत्री के आत्मनिर्भर भारत के बयान को सही दिशा में लेना चाहिए तभी हम चीन को सबक सीखा सकते है और उससे लड़ सकते है। सोनम वांगचुक ने जो हार्डवेयर रेप्लस करने की बात कही थी हमें उस दिशा में काम करना चाहिए वरना ये ऐसा ही होगा के हम शाओमी  फ़ोन से चायनीज़ एप्प डिलीट कर रहे होंगे

वही भारतीय उद्योग की लगभग हर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट किसी किसी तरह चीन पर निर्भर करती है। कोविद 19 ने हमने बहुत बड़ा मौका दिया है आत्मनिर्भर बनने के लिए। आज दुनिया भारत को चीन के बदल के तौर पर देख रही है और हमें इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अगर हमने ये मौका खो दिया तो फिर शायद दुबारा हमें ये मौका मिले। चायनीज़ एप्प डिलीट करने से उनकी इकॉनमी पर कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ेगा असली जंग चीन से मैन्युफैक्चरिंग हब छीनना होगी। क्या हम इस कदम के लिए तैयार है ?

वरना तो चीन से विवाद नया है और चायनीज़ प्रोडक्ट को बायकाट करने की मांग नयी है। हमने इस दिशा में दिल के साथ साथ दिमाग़ से भी अमल करने की ज़रूरत है तभी हम चीन को सबक सीखा सकते  है और उससे लड़ सकते है वरना हमारा उद्योग माल तो चीन से इम्पोर्ट करता रहेगा और बात चायनीज़ प्रोडक्ट के बहिष्कार की होती रहेगी


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

In Article