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शुक्रवार, 10 जनवरी 2025

उनसे हाल ऐ दिल कहे ना कहे ये सोचते रह जाता हु।

 


हर बार ये ही होता है, हर बार मै रह जाता हु

उनसे हाल दिल कहे ना कहे ये सोचते रह जाता हु।

 

सुबह की पहली किरण ख्याल उनका ले आती है

दिन चढ़े मेरे हौसले को बुलंदी मिल जाती है

और दिन ढ़ले मेरी सोच फ़िक्र बढ़ जाती है

फिर तस्वीर तेरी सीने पे रख कर रातों को सो जाता हु।

 

हर बार ये ही होता है, हर बार मै रह जाता हु

उनसे हाल दिल कहे ना कहे ये सोचते रह जाता हु।

जब कही उनकी दीद रु बा रु हो जाती है

तो कभी ज़ुल्फ़ों के साये में खो जाता हु

तो कभी रुखसार की तपिश से जल जाता हु

और फिर उनकी आँखों में डूब के मर जाता हु।

 

हर बार ये ही होता है, हर बार मै रह जाता हु

उनसे हाल दिल कहे ना कहे ये सोचते रह जाता हु।

 

 

 

 

 

बुधवार, 22 नवंबर 2023

ज़ूल्म

 हर ज़ूल्म की इन्तेहाँ होती है

ग़रचे देर से हो मग़र होती है। 

शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023

सदा ये रोज़ मस्जिद से आयी

 आओ क़ामयाबी की तरफ सदा ये रोज़ मस्जिद से आयी है

जैसा जिसका हो यक़ीन उसने वो ही क़ामयाबी पायी है। 


करम ही करम अता है आपका हुज़ूर हम गुनाहग़ारों पर

ये देख़ नदामत से इस गुनाहग़ार की आँख भर आयी है। 


जिस किसी ने भी थामा है दामन दामन ऐ मुस्तफ़ा का

इम्तेहान हो सकता हो मगर मुसीबत न उस पे आयी है। 


मज़हब इस्लाम के लिए मैदान भी लाज़िम हुआ करता है

सिर्फ वज़ीफों से मदद ना आया करती है ना आयी है। 


ज़िक्र आपका बुलंद है बुलंद किया है खुद ख़ुदा ने

जिसने किया ज़िक्र आपका उसने ही बुलंदी पायी है।

सोमवार, 18 सितंबर 2023

इश्क़ का आगाज़ करना था


 हाल ऐ दिल तमाम करना था

बस उन्हें सलाम करना था। 

इश्क़ का आगाज़ करना था 

या शब् भर आराम करना था। 

ज़िन्दगी भर सफर करना था 

या कुछ दिन क़याम करना था। 

ये तरीक़ा भी पता करना था 

निगाहों से क़लाम करना था। 

उनका नाम पोशीदा करना था 

इल्ज़ाम अपने नाम करना था। 

शनिवार, 26 मार्च 2022

चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है | Poet Diary | Hasrat Mohani

 चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है

हम को अब तलक आशिक़ी का वो ज़माना याद है। 


बा हज़ारा इज़तिराब व ज़िद हज़ारा इश्तियाक़

तुझसे वो पहले पहल दिल का लगाना याद है। 


बार बार उठना उसी जानिब निग़ाह ऐ शौक़ का 

और तेरा गुर्फे (खिड़की) से वो आँखें लड़ाना याद है। 


तुझसे कुछ मिलते ही वो बेबाक़ हो जाना मेरा

और तेरा दांतों में वो ऊँगली दबाना याद है। 


खेंच लेना वो मेरा पर्दे का कोना दफ़अतन

और दुपटटे से तेरा वो मुँह छुपाना याद है। 


जान कर सोता तुझे वो क़स्दे प् बोसी मेरा

और तेरा टकरा के सर वो मुस्कराना याद है।


तुझ को जब तनहा कभी पाता तो अज़ राहे लिहाज़

हाल ऐ दिल बातों ही बातों में में जाताना याद है। 


जब सीवा मेरे तुम्हारा कोई दीवाना न था 

सच कहो कुछ तुमको भी वो कारख़ाना याद है। 


ग़ैर की नज़रों से बच कर सबकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ 

वो तेरा चोरी चुपके रातों को आना याद है। 


आ गया गर वस्ल की शब् भी कही ज़िक्र ऐ फ़िराक

वो तेरा रो रो के मुझ को भी रुलाना याद है। 


दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए 

वो तेरा कोठे पे नंगे पाँव आना याद है। 


आज तक नज़रों में है वो सोहबतें राज़ो नियाज़

अपना जाना याद है तेरा बुलाना याद है। 


मीठी मीठी छेड़ कर बातें निराली प्यार की 

ज़िक्र दुश्मन का वो बातों में उड़ाना याद है। 


देखना मुझको जो बरगुज़िश्ता तो सो सो नाज़ से

जब मना लेना तो फिर खुद रूठ जाना याद है। 


चोरी चोरी हमसे तुम आकर मिले थे जिस जगह 

मुद्दतें गुज़री पर अब तक वो ठिकाना याद है। 


शौक़ में मेंहदी के वो बे दस्त व प् होना तेरा

और मेरा वो छेड़ना वो गुदगुदाना याद है। 


बावजूद अदाऐं इतका हसरत मुझे

आज तक अहद ऐ हवस का वो फ़साना याद है। 


शनिवार, 24 जुलाई 2021

इश्क़ ऐ जाना | Poet Diary





दिल अपना साफ़ कर तू जाना के लिए

दिल मैला नहीं होवे जाना के लिए


अश्क़ लाज़िम है रूठे जाना के लिए

ज़िन्दगी तू अपनी कर जाना के लिए


तेरा इश्क़ तो हो बस जाना के लिए

तू हो दीवाना तो बस जाना के लिए


रट जाना जाना की लिए कहा जायेगा

अमल पैदा कर वस्ल ऐ जाना के लिए


कोई खास नहीं है तू जाना के लिए

गर मुश्ताक़ ना हो जाना तेरे लिए

बुधवार, 30 दिसंबर 2020

वो जो जज़्बात निगाहों से अयां ना समझे | हाल ऐ दिल लफ्ज़ो से बयां वो क्या समझे | Poet Diary




वो जो जज़्बात निगाहों से अयां ना समझे

हाल  दिल लफ्ज़ो से बयां वो क्या समझे |


ये नींद और ये ख़्वाब क्या हैवही समझे

वो जिसकी रातें तेरी ज़ुल्फ़ों मे उलझें |


 ये ज़िन्दगी की राहें और ये दुशवारियाँ

जिसे साथ मयस्सर हो तेरा वो क्या समझे |


उनसे कोई शिकायत नहीं बस इक शिकायत है

मुझे ग़लत समझ कर वो ज़माने को भला समझे |


रविवार, 12 जुलाई 2020

जो मध्यप्रदेश में हुआ क्या अब वो राजस्थान में होने जा रहा है ? राजस्थान का संकट


जो मध्यप्रदेश में हुआ क्या अब वो राजस्थान में होने जा रहा है ? इसकी संभावनाएं है क्यूंकि बीजेपी एक मजबूत संगठन के तौर पर एक जुट हो कर काम करती है लेकिन सोनिआ गाँधी के दखल के बाद ये भी उम्मीद जताई जा रही है के शायद राजस्थान में स्तिथि संभल जाये बीजेपी पे आरोप लगाना से ज्यादा अच्छा होगा के कांग्रेस एक मजबूत संगठन के तौर पे एक जुट होकर काम करे।  इस सन्दर्भ में कपिल सिबल जी का बयान सराहनीये है।


जानिये अभी तक क्या हुआ।

  • प्रद्युम्ना सिंह लोधी जो बड़ा मलहरा सीट  से विधायक है उन्होंने मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान और  उमा  भारती से मिलने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों का मानना है की बुंदेलखंड क्षेत्र से कांग्रेस के कुछ और सदस्य इस्तीफा दे सकते है।


  • सचिन पायलट के ख़ास करीबी विधायकों का यू टर्न कहा " हम सच्चे कांग्रेस सिपाही है "


  • राजस्थान कांग्रेस के विधायक दानिश अबरार का कहना है कि चेतन डूडी, रोहित बेहरा और मैं -  हमें भाजपा द्वारा संपर्क नहीं किया गया है। 


  • ज्योतिरादित्य सिंधिया का ट्वीट " कहा राजस्थान के मुख्य मंत्री श्री अशोक गेहलोत द्वारा मेरे पूर्व तत्कालीन सहयोगी श्री सचिन पायलट को दरकिनार करना ये दर्शाता है की कांग्रेस को प्रतिभा और क्षमता में कम विश्वास है





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