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सोमवार, 18 सितंबर 2023

इश्क़ का आगाज़ करना था


 हाल ऐ दिल तमाम करना था

बस उन्हें सलाम करना था। 

इश्क़ का आगाज़ करना था 

या शब् भर आराम करना था। 

ज़िन्दगी भर सफर करना था 

या कुछ दिन क़याम करना था। 

ये तरीक़ा भी पता करना था 

निगाहों से क़लाम करना था। 

उनका नाम पोशीदा करना था 

इल्ज़ाम अपने नाम करना था। 

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