भारत और
चीन के बीच तनाव किस बात को लेकर है
दोनों देशो के बीच तनाव तब
बढ़ गया जब भारत ने आरोप लगाया की चीन सेना ने गलवान घाटी में कुछ टेंट लगाए हैं। वही
चीन ने आरोप लगाया की भारत गलवान घाटी के पास सुरक्षा संबंधी ग़ैर-क़ानूनी निर्माण
कर रहा है। गलवान घाटी LOC में स्थित
अत्यंत महत्पूर्ण घाटी है। ये घाटी चीन के दक्षिणी शिनजियांग और भारत के लद्दाख़ तक
फैली है।
भारत और
चीन के बीच तनाव का मुख्य कारण क्या है
सीमा को लेकर भारत और चीन के
बीच तनाव या झड़पे कोई नया मुद्दा नहीं है।
लेकिन मौजूदा तनाव को हलके में नहीं लिया जा सकता और न ही दोनों देश इस मुद्दे को हलके
में ले रहे है। अगर पिछले कुछ समय पर नज़र डाले तो इस तनाव का मुख्य कारण भारत की तरफ
से बॉर्डर इलाक़े में तेज़ हो रहा निर्माण कार्य हो सकता है। LOC पर गलवान घाटी एक ऐसी घाटी है जो पहुंच से बाहर है । दरअसल भारत
ने इस घाटी में शियोक नदी से दौलत बेग ओलडी तक सड़क निर्माण का काम पूरा कर लिया है।
लगभग सारे जानकार इसे एक बड़ी वजह मानते है। इससे चीन की क्रीपिंग पालिसी को झटका लगा
है। इस पालिसी के तहत चीन धीरे धीरे विवादित इलाको में घुस कर उसे अपने अधिकार में
लेना चाहता है। LOC पर निर्माण
के काम से चीन ऐसा करने में असमर्थ होता दिख रहा है क्युकी सीमा पर विकास होने से उन
इलाकों में भारत की पहुंच बढ़ रही है।
दूसरा मुख्य कारण अभी हाल ही
में भारत द्वारा अपने FDI के नियमों
को सख़्त करना हो सकता है। दरअसल चीन अपने पीपल्स बैंक ऑफ़ चाइना के माध्यम से भारत
के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC में 1. 75 % की हिस्सेदारी लेना चाह रहा था। लेकिन भारत द्वारा किये गए सख़्त
नियमों से उसकी विदेश निति तो धक्का लगा है। चीन कोरोना वायरस से मची अफरातफरी के बीच
दुनिये के बड़े देशो की कम्पनीज में निवेश कर आर्थिक रूप से दुनिया पर अपना वर्चस्व
क़ायम करना चाहता है ।
कोरोना वायरस की शुरुआत को
लेकर अमेरिका और चीन के बीच ज़बानी जंग जारी है। अमेरिका लगातार चीन पर आरोप लगा रहा
है के कोरोना वायरस चीन की लैब में तैयार किया गया है। तो वही चीन भी अपना रुख स्पष्ट
कर चूका है। इसी तनातनी के बीच अभी हाल ही में 194 देशो ने
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में एक प्रस्ताव पेश किया कि इस मामले की जाँच होनी चाहिए कि
दुनिया भर में नुक़सान पहुँचाने वाला कोरोना वायरस कहाँ से शुरू हुआ। अन्य देशो के
साथ साथ भारत ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। कुछ जानकार का ये मानना है के बॉर्डर
पर तनाव जारी रखने से चीन अपनी वैश्विक निंदा जो उसे कोरोना वायरस के चलते उठानी पढ़
रही है उसका फोकस बदलना चाहता है।
अमेरिका
का मध्यस्ता प्रस्ताव
अमेरिकन प्रेजिडेंट डोनाल्ड
ट्रम्प ने भारत और चीन के बीच विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्ता की पेशकश करी है जिसे
चीन ने ये कहते हुए ख़ारिज कर दिया के "हम वार्ता एवं विचार-विमर्श के जरिए समस्याओं
को उचित तरीके से सुलझाने में सक्षम हैं. हमें तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की आवश्यकता
नहीं है" । वही प्रेजिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा है के प्रधान मंत्री मोदी
सीमा विवाद को लेकर अच्छे मूड में नहीं है ।