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सोमवार, 19 फ़रवरी 2018

आ भी जाओ की ज़िन्दगी कम है | तुम नहीं हो तो हर ख़ुशी कम है | Poet Diary

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आ भी जाओ की ज़िन्दगी कम है तुम नहीं हो तो हर ख़ुशी कम है

वादा करके ये कौन आया नहीं शहर में आज रौशनी कम है

जाने क्या हो गया है मौसम को धूप ज़ियादा है चाँदनी कम है

आइना देख कर ख़याल आया आज कल उनकी दोस्ती कम है

तेरे दम से ही में मुकम्मल हो बिन तेरे तेरी 'यामिनी' कम है

शनिवार, 17 फ़रवरी 2018

अपने ख्वाबों में तुझे जिस ने भी देखा होगा | अब्बास दाना


अपने ख्वाबों में तुझे जिस ने भी देखा होगा
आँख खुलते ही तुझे ढूंढने निकला होगा.

ज़िन्दगी सिर्फ तेरे नाम से मंसूब रहे
जाने कितने ही दिमाग़ों ने ये सोचा होगा

दोस्त हम उस को ही पैगाम- ए-करम समझेंगे
तेरी फुरक़त का जो जलता हुआ लम्हा होगा

दामन- ए-ज़ीस्त में अब कुछ भी नहीं है बाकी
मौत आई तो यक़ीनन उसे धोका होगा

रौशनी जिस से उतर आई लहु में मेरे
ऐ मसीहा वो मेरा ज़ख्म- ए -तमन्ना होगा

(अब्बास दाना)

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