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आ भी जाओ की ज़िन्दगी कम है
तुम नहीं हो तो हर ख़ुशी कम है
वादा करके ये कौन आया नहीं
शहर में आज रौशनी कम है
जाने क्या हो गया है मौसम को
धूप ज़ियादा है चाँदनी कम है
आइना देख कर ख़याल आया
आज कल उनकी दोस्ती कम है
तेरे दम से ही में मुकम्मल हो
बिन तेरे तेरी 'यामिनी' कम है